सोमवार, 4 जनवरी 2010

...नए गगन का पंछी....चला नयी उड़ान पर....

...नए गगन का पंछी....चला नयी उड़ान पर....
....दिल के जमीन पर अरमान नए फूटे हैं....
....उड़ने को नवीन आकाश हैं.....यह नए पल कुछ खास हैं....

नए गगन का पंछी.....अकेला हैं पर मस्त हैं....
.....नयी ताकत भरी हैं तन मन में....
.....देखो आँखों में कुछ नयी बात हैं.....सच्चे सब सपने लगते हैं.....

नए गगन का पंछी.....नयी छवि के साथ
....करता नवजीवन की तलाश....
....फिर नयी रोशनी की लहर उठाने के लिए....ख़तम करने को पुरानी रात

नए गगन का पंछी.....नयी दुनिया के पास....
.....एक नए संदेस के साथ.....
.....नवीनता की बहार के साथ....उतरेगा एक नयी जमीं पर आज....

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