अब क्या कहें उनकोवो पी कर बहक जाते हैंमय की खुमारी मेंबोतल में घुस जाते हैंख़ुदी से भरे हुए
जब बोतल से निकल नहीं पाते तोख़ुदाई सिखाते हैं
चिल्ला चिल्ला के सबको बोतल में बुलाते हैं
जो बोतल में आ जाये
तो उसे सबका यार बताते हैं
जो बोतल में न आये
तो उसे सबका दुश्मन बताते हैं
बोतल में घुसने वालो को फ़लक छोटा ही नजर आता हैं
जरा बाहर निकल के देखो फ़लक अपनी बाहें कहाँ तक फैलाता हैं
.......यारों इशारे करता हैं ख़ुदा सभी की खातिर.......
...... ह़क परस्त ही समझे हैं अब तक ....... शैतानो को कहाँ नजर आते हैं.... ...........
सच है अपनी सोच का दायरा भी बोतल के बंद कमरे से बाहर आ कर बड़ा करना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंफिर भी बोतल के जिन्न नही है ये
जवाब देंहटाएंbahut hi sarthak post bilkul yatharth ke karib
जवाब देंहटाएंati uttam.
poonam
बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंइतने दिन से कुछ लिखते क्यूँ नहीं हो भाई?
जवाब देंहटाएंबोतल में घुसने वालो को फ़लक छोटा ही नजर आता हैं
जवाब देंहटाएंजरा बाहर निकल के देखो फ़लक अपनी बाहें कहाँ तक फैलाता हैं
.......यारों इशारे करता हैं ख़ुदा सभी की खातिर.......
...... ह़क परस्त ही समझे हैं अब तक ....... शैतानो को कहाँ नजर आते हैं.... ...........
होशमंदों को यह बात पते की लगेगी परन्तु पीनेवाले कहेंगे ‘पूछो जो कभी पी है?’
हम ईमानदारों से कहते हैं ईमानदार बनों
शरीफों से कहते हैं शरीफ बनो और
सच्चे नागरिको से कहते हैं अच्छे नागरिक बनो।
क्योंकि सुनते वही हैं जो जिम्मेदार हैं और सही राह पर हैं।
एक होशमंद कविता
गजब....यथार्थ कि उत्तम अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंbahut khub
जवाब देंहटाएंshandar
पहली बार इस ब्लॉग पर आया हूँ , बहुत अच्छा लगा ये ब्लॉग .
जवाब देंहटाएंमाधव पर आने और टिप्पड़ी ले लिए धन्यावाद
http://madhavrai.blogspot.com/
bilkul sach kaha aapna...ek sarthak post...
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता
जवाब देंहटाएंPahli baar aayi hun apke blogpe..bada achha laga..!Saral,bebak shaili!
जवाब देंहटाएंक्या बात है यश भाई, आपने तो कमाल कर दिया। इस खूबसूरत नज्म के लिए बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं--------
बूझ सको तो बूझो- कौन है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?
अब क्या कहें उनको
जवाब देंहटाएंवो पी कर बहक जाते हैं
मय की खुमारी में
बोतल में घुस जाते हैं
ख़ुदी से भरे हुए
ख़ुदाई सिखाते हैं
वाह.....लाजवाब.....!!
बहुत खूब कहा आपने ......!!
wahwa....
जवाब देंहटाएंवाह आज़ फ़िर से देख के अभीभूत हूं
जवाब देंहटाएंविरहणी का प्रेम गीत
सुन्दर सृजन , सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंwah bahut khoob
जवाब देंहटाएंअब क्या कहें उनको
जवाब देंहटाएंवो पी कर बहक जाते हैं waah....
बोतल में घुसने वालो को फ़लक छोटा ही नजर आता हैं ।
जवाब देंहटाएंलेकिन सच कहूं तो मुझे फलक बहुत ही बड़ा लगता हैं एवं एक बार बोतल में घुस गचा तो मुझे प्रतीत होता है कि सोच , कल्पना एवं सपनों का आयाम अपना क्षितिज क्रमश: विस्तृत करते चले जाते हैं । मेरे पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद .
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंहोली पर बहुत बहुत शुभकामनाएं
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