बादल इश्क का..... टूट गया आसमा में
...टुकड़े टुकड़े हो तन्हाई में कही खो गया....
बादल इश्क का ....बरसा था सावन में....
.... बरस के गीली मट्टी में घुल गया
बादल इश्क का ....गरजा था पहाड़ पे खडा हो...
....आवाज बन वादी में कहीं खो गया....
बादल इश्क का....तूफान के संग गया था समंदर में....
.....माही का गम में लिपट गीत बन गया....
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