रविवार, 19 जुलाई 2009

Holi.....

बिल्लू कहे इस बार तो होली जम के खेलेंगे
गुजिया दही भल्ले मालपुआ जम के पेलेंगे
गोरी के गली के लगायेगे चक्कर
मुह पे रंग पोत कर लेंगे उसके बाप से टक्कर
गुबारों से करेंगे सबको सरोबर
जो चिडेगा उसे फेकेंगे इन गोबर

नो शर्म नो लाज
बिल्लू रंग ऐसा पोतो दुश्मन को हो दस दिन तक खाज
नोथिंग सीरियस ओनली बकवास
फॉर बिल्लू होली इस वैरी वैरी खास

आज न बचेगी पडोसन , न बचेगें भैया-भोजाई
बिल्लू खाए बेलन या सोता पर खूब करेंगे रंगाई पुताई
जिसको सिर्फ छूने की तम्मना थी, करेंगे उसके कोमल गालो को लाल
आज ही का दिन हैं बिल्लू, कर दो बकरे सारे हलाल

बिल्लू बेशरम हो कही भी घुस जाना
भांग खाने का मन हो तो बस सारा रा सारा रा चिल्लाना
भांग के नशे में गलियां में डोलना बिल्लू
फिर सब कहेंगे होली पर पागल हुए बिल्लू

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