सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

तेरे हुस्न ने मोहब्बत को मेरे दिल का पता दिया -------- (फ़कीरा)

तेरे हुस्न ने मोहब्बत को मेरे दिल का पता दिया 
मेरी उलझी जिन्दगी को तेरी उलफ़त ने सुलझा दिया

तेरी मोहब्बत के आफ़ताब ने हर सुबह को खिला दिया 
मेरी दीवानगी के माहताब ने हर रात को शायराना बना दिया 


रुख से नक़ाब की बेवफ़ाई ने मुझे तेरा दीदार करा दिया
ज़हे-नसीब कि कुदरत ने  फिर इक कोहिनूर बना दिया


तेरी अदा ने शोले को शबनम बना दिया 
इश्क में इमां-ओ-दीं गया , तूने "फ़कीरा" बना दिया

11 टिप्‍पणियां:

  1. हुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म तो ऐसे बने फकीरा ये आज समझ आया । बहुत बडिया आशीर्वाद

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  2. वाह बहुत ही ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

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  3. रुख से नक़ाब की बेवफ़ाई ने मुझे तेरा दीदार करा दिया
    ज़हे-नसीब कि कुदरत ने फिर इक कोहिनूर बना दिया ..

    वाह ... खुदा ने क्या कमाल किया है .... बहुत खूब है ये शेर ...

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  4. आपको और आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!

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  5. रंगोत्सव पर शुभकामनाएं कबूल करें !

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  6. AAP KO RANG BIRANGI HOLI KI SHUBH KAAMNAYEIN
    SURINDER
    KHUB LIKHA HAI AAPNE
    तेरे हुस्न ने मोहब्बत को मेरे दिल का पता दिया
    मेरी उलझी जिन्दगी को तेरी उलफ़त ने सुलझा दिया

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  7. yashwant ji shukriya aap mere blog per aaye jis se aap tak pahuchne ka marg mila...aapki shayri bahut lajawaab hai.

    ek ek sher pyar chhalkata hua ...bahut khoob.

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  8. चलिए पता मिल गया तो अब आते जाते रहिएगा .....!!

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  9. कंगाली से बना जो फकीरा क्या बना वो फकीरा....आज देखा वो फकीरा ..मोहब्बत में बन गया जो फकीरा...इस मोहब्बत भरी कविता ने तो दिल पे मेरे खिंच दे एक लकीरा ....आपकी तारीफ में क्या कहें हम फकीरा.....बस इतना ही कहते हैं....वाह फकीरा वाह फकीरा वाह फकीरा......डिम्पल

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  10. आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।

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